पटना: राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा का संसद में ठाकुर वाले विवादित बयान के मसले पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से दो दो हाथ करने वाले बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात राज्य की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है।
मनोज झा का ठाकुर वाले विवादित बयान के बाद जिस तरह से आनंद मोहन और उनके राजद विधायक पुत्र चेतन आनंद ने खुला विरोध कर दिया था उसके बाद जिस प्रकार से लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव ने अपने पार्टी के सांसद मनोज झा का खुलकर बचाव किया था जिसके चलते आनंद मोहन और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बीच आमने-सामने की लड़ाई ठन गई।
आनंद मोहन और उनके पुत्र चेतन आनंद के बयानों को लेकर लालू प्रसाद ने दोनों को जब यह कहा कि इन लोगों को कुछ नहीं बुझाता है तो आनंद मोहन का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने भी अपने अंदाज में लालू प्रसाद का जमकर विरोध किया जिसकी चर्चा राजनीतिक हलको में हुई।
इस बीच आनंद मोहन का अचानक एक अन्ने मार्ग एंट्री होने की बात सामने आई। जहां उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आनंद मोहन की बंद कमरे में घंटे बातचीत होने की खबर सामने आई।
हालांकि दोनों के बीच में किस मुद्दे पर बात हुई इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। लेकिन राजनीतिक हल्का में इस बात की चर्चा रही की दोनों नेताओं के बीच डैमेज कंट्रोल को लेकर चर्चा हुई। परंतु नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद आनंद मोहन और उनके समर्थकों का तेवर लालू प्रसाद के खिलाफ कम नहीं हुआ और आज भी आनंद मोहन के समर्थक मनोज झा के ठाकुर वाले विवादित बयान को लेकर लालू प्रसाद के खिलाफ बयान बाजी करते नजर आ रहे हैं।
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर आनंद मोहन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच कैसे फिट होंगे। राजनीति में यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आनंद मोहन के प्रति झुकाव वहीं दूसरी तरफ लालू प्रसाद का आनंद मोहन के खिलाफ होना महा गठबंधन सरकार की एकजुट पर कहीं न कहीं सवाल खड़ा करता है।
राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोर-शोर से होती रही है की मनोज जाकर ठाकुर वाले विवादित बयान के बाद आनंद मोहन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मिलने उनके पटना स्थित आवास पहुंचे थे लेकिन लालू प्रसाद ने उनसे मिलने से मना कर दिया जिसके कारण आनंद मोहन को वैरंग लौटना पड़ा। इसके बाद आनंद मोहन और उग्र हो गए। आनंद मोहन और लालू प्रसाद के बीच खटास के कारण राजनीति में महागठबंधन की हो रही किरकिरी के बीच आनंद मोहन और नीतीश कुमार की मुलाकात हुई। अब इसकी असली मायने क्या है यह तो कुछ दिनों में पता चलेगा। लेकिन इतना साफ हो गया है कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है । इसीलिए गाहे-बगाहे नीतीश कुमार द्वारा एक बार फिर से पलटी मार जाने की चर्चा जोर पकड़ते रहती है लेकिन लालू प्रसाद हो या नीतीश कुमार का खेमा हमेशा इसका खंडन करता रहा है पर जिस प्रकार से आनंद मोहन लालू प्रसाद के खिलाफ हो गए हैं और नीतीश कुमार से आनंद मोहन की नजदीकियां बरकरार है। उसका नतीजा क्या होगा इस पर सभी की निगाहें टिकी है।