बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा ली जा रही 1.70 लाख शिक्षकों की भर्ती में बी.एड(B.Ed)डिग्रीधारियों को लेकर दशहरा से पहले खुशखबरी मिल सकती है.मिली जानकारी के अनुसार बी.एड डिग्रीधारियों की याचिका पर 20 अक्टूबर को सुनवाई हो सकती है और सुनवाई जस्टिस अनिरूद्ध बोस की कोर्ट करेंगे ,इन्हौने 11 अगस्त को राजस्थान मामले में बी.एड डिग्रीधारियों को प्राथमिक स्कूलों के लिए होने वाली शिक्षक भर्ती के लिए अयोग्य ठहराया था.राजस्थान मामले में दिए गए फैसले में जस्टिस अनिरूद्ध बोस की कोर्ट ने एनसीटीई की 2018 की गाइडलाइन को रद्द कर दिया था जिसका असर बिहार में एक लाख 70 हजार शिक्षक भर्ती पर भी पड़ा है.
बताते चलें कि बी.एड डिग्रीधारियों को प्राथमिक स्कूल के शिक्षक बनने के लिए 11 अगस्त को कोर्ट के अयोग्य ठहराने के आदेश से पहले बिहार लोक सेवा आयोग(BPSC) 1.70 लाख शिक्षकों की भर्ती प्रकिया शुरू कर दी थी.इसलिए 24-26 अगस्त से आयोजित हुई परीक्षा में उसने सभी अभ्यर्थियों को शामिल होने की अनुमति दी गई.इस बीच पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 11 अगस्त का फैसला बिहार में भी लागू किया जाना चाहिए.इसके बाद बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट के आदेश को आधार बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी(SLP) दायर की थी.इस बीच बी.एड अभ्यर्थियों ने भी सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की है.एसएलपी और रिट याचिका पर दो अलग अलग तिथियों में अलग-अलग कोर्ट ने सुनवाई की, पर किसी तरह का फैसला नहीं दिया.वहीं बीएड डिग्रीधरियों की याचिका को सीजेआई के पास भेज दिया है.अब जानकारी मिल रही है कि सीजेआई ने इस केस को अनुरूद्ध बोस की कोर्ट को सुनवाई के लिए कहा है.अऩिरूद्ध बोस की कोर्ट ने ही 11 अगस्त को फैसला सुनाया था.
इस याचिका पर फैसला का इंतजार बी.एड डिग्रीधारी एवं बिहार सरकार के साथ ही डीएल.एड डिग्रीधारी भी कर रहे हैं,क्योंकि इस फैसले का सीधा असर डीएलएड डिग्रीधारी पर पड़ने वाला है.अगर कोर्ट सुप्रीम कोर्ट बी.एड डिग्रीधारी को प्राथमिक शिक्षकों के लिए परीक्षा देने की अनुमति देता है तो इससे बी.एड डिग्रीधारी खुश होगें.