इन दिनों तरह-तरह के नियम जारी किए जा रहे हैं. कभी शिक्षकों के लिए तो कभी बच्चों के लिए. कभी कोचिंग संस्थानों के लिए. अब शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूल के हेडमास्टर को नया टास्क दिया है. सरकार स्कूल के हेडमास्टर को बोरा बेचने का आदेश जारी किया गया है. मिड डे मील के लिए आपूर्ति किए गए खाद्यान्न के खाली बोरे का पहले बेचने का रेट 10 रुपये लेकिन अब इसे बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया गया है. वहीं दूसरी ओर शिक्षक संघ इसका विरोध भी कर रहा है.सरकारी स्कूल के हेडमास्टर को मिला नया टास्क, अब 20 रुपये में बेचेंगे बोरा, शिक्षा विभाग का नया फरमान.
बिहार के शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को नई जिम्मेदारी दी है। अब सरकारी स्कूलों के हेड मास्टरों को बोरे बेचने पड़ेंगे, वो भी 20 रूपए प्रति बोरा के हिसाब से। पहले ये एक बोरा 10 रूपए में बेचा जाता था। बिहार के शिक्षा विभाग में बीते कुछ महीनों से लगातार नए-नए नियम जारी हो रहे हैं।
शिक्षा विभाग की ओर से आदेश 14 अगस्त को जारी किया गया है. अब ऑर्डर का पता चला है जिसके बाद मामला सामने आया है. बोरा का जो पैसा आएगा उसे जिलों में संचालित राज्य योजना मद के तहत खोले गए बैंक के खातों में जमा करेंगे. शिक्षा विभाग के निदेशक मिथिलेश मिश्रा ने सभी जिलों को पत्र लिखा है.
इस पूरे मामले में माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद ने कहा कि शिक्षकों को लगातार अपमानित किया जा रहा है. विभाग उन्हें शैक्षणिक कार्य से अलग करके व्यापारी बना रहा है. जब पहले बोरे की कीमत 10 रुपये थी तो कोई नहीं खरीदता था. अब बोरे को 20 रुपये में बेचने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.