क्या आप जानते है ब्लड में बॉम्बे ब्लड ग्रुप भी होता है ?
क्या आप जानते 130 करोड़ के देश में बॉम्बे ब्लड ग्रुप के सिर्फ़ 400 के करीब डोनर है? बिहार में एक भी डोनर नही है!
सामान्य रूप से ऐसा माना जाता है कि सबसे दुर्लभ रक्त समूह ओ नेगेटिव होता है, जो बहुत मुश्किल से मिलता है क्योंकि यह रक्त लोगों को खुद ही मिल जाता है। लेकिन ओ नेगेटिव रक्त समूह से भी दुर्लभ एक ऐसा रक्त समूह है जो लाखो लोगों में से किसी एक में पाया जाता है और उसका नाम बॉम्बे ब्लड ग्रुप है.
बम्बई रक्त समूह, रक्त का एक अनूठा प्रकार है जो लगभग १०००० व्यक्तियों में १ व्यक्ति में पाया जाता है। इस रक्त समूह की खोज सबसे पहले बंबई में १९५२ में डा. वाई एम भेंडे द्वारा की गई थी इसलिए इस रक्त समूह का नाम ‘बंबई रक्त समूह’ पड़ा। इस रक्त समूह को Hh और oh रक्त समूह भी कहते है.
बॉम्बे ब्लड ग्रुप वाला व्यक्ति ABO ब्लड ग्रुप वाले को ब्लड दे सकता है. परन्तु इनसे ब्लड ले नहीं सकता है. यह सिर्फ अपने ही ब्लड ग्रुप यानी Hh ब्लड टाइप वालों से ही ब्लड ले सकता है.
जब बॉम्बे फेनोटाइप वाले व्यक्तियों को रक्त आधान की आवश्यकता होती है, तो वे केवल ऑटोलॉगस रक्त या किसी अन्य बॉम्बे रक्त समूह से रक्त प्राप्त कर सकते हैं। उनमें रक्त समूह O की लाल कोशिकाएँ ट्रांसफ़्यूज़ करने से घातक हेमोलिटिक ट्रांसफ़्यूज़न प्रतिक्रिया हो सकती है।