संविधान में किसी राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने जैसा कोई प्रावधान नहीं है. 1969 में पहली बार पांचवें वित्त आयोग के सुझाव पर तीन राज्यों को स्पेशल स्टेटस दिया गया था. 14 वित्त आयोग के आने तक ये तय कर दिया गया कि नॉर्थ-ईस्ट और पहाड़ी राज्यों के अलावा किसी भी अन्य राज्य को स्पेशल स्टेटस नहीं मिल सकता।
नीरज कुमार, जदयू MLC सह प्रवक्ता ने कहा
ब्रिटिश काल से बिहार के साथ हो रहा भेदभाव
पिछले कुछ दिनों में बिहार की राजनीति में विशेष राज्य का दर्जा की बात उठी है.
कुछ लोग बिहारी नही भाजपाई हैं.
कुछ राज्यों को स्पेशल कटेगरी और स्पेशल स्टेटस दोनों दिया गया है, लेकिन ब्रिटिश काल से बिहार के साथ भेद भाव हो रहा है.
BJP ना हीं स्पेशल कटेगरी दे रही और ना ही स्पेशल स्टेटस दे रही है.
महाराष्ट्र और गुजरात के कई जिलों को स्पेशल स्टेटस का दर्जा मिला हुआ है.
बिहार के 28 जिले बाढ़ और सुखाड़ से प्रभावित होते हैं तो फिर बिहार को क्यों नही। संविधान में प्रवधान है कि जो पिछड़ा राज्य है उसको आप स्पेशल स्टेटस या कटेगरी दे सकते हैं.
जातीय आधारित गणना आप करवाएगा नही… और 9 वी सूची में डालने के मसले पर इधर उधर कीजियेगा.
370 हटाएगा आप तो 371 हटाने के लिए कौन सा फरिस्ता आने वाला है।

Author: janhitvoice

