75 फ़ीसदी उपस्थिति के नाम पर 1 लाख विद्यार्थियों को मैट्रिक और इंटर की सेंटअप परीक्षा देने से रोकना दुर्भाग्यपूर्ण —विजय कुमार सिन्हा।
9 वी से 12 वी तक 266564 छात्रों का नामांकन रद्द करना तुगलकी क़दम
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उपमुख्यमंत्री और उनके बड़े भाई की शिक्षा से ज्यादा किसी को पढ़ने का हक़ नहीं।
पूर्व सूचना और सावधान किये बिना छात्रों का नामांकन रद्द करना शिक्षा विभाग की अराजकता का नमूना।
शिक्षा विभाग की मनमानी के कारण बिहार के छात्र, शिक्षक,अभ्यर्थी एवं अभिभावक परेशान।
पटना – बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने बिहार बोर्ड के मैट्रिक और इंटर के लगभग 1 लाख विद्यार्थी को सेंट अप परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगाने की कड़ी निंदा की है और कहा है कि 75 फ़ीसदी उपस्थिति नहीं रहने के कारण इन्हे रोकना दुर्भाग्यपूर्ण है।
श्री सिन्हा ने कहा कि विभाग ने कुछ माह पूर्व 75 फ़ीसदी उपस्थिति की अनिवार्यता जारी किया है। पूर्व से पढ़ रहे छात्रों को साल भर पूर्व सूचना देकर यदि उन्हें सावधान किया जाता तो वे उसका पालन करतें। वर्तमान स्थिति में शिक्षा विभाग को आदेश जारी कर बिहार बोर्ड को निर्देश देना चाहिए कि इस वर्ष सेंट अप की परीक्षा में 75 फ़ीसदी उपस्थिति की अनिवार्यता को शिथिल किया जाये।
श्री सिन्हा ने कहा कि 9 वी से 12 वी तक 266564 छात्रों का नामांकन रद्द किया जाना तुगलकी क़दम है। इन छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। क्या शिक्षा विभाग ने मन बना लिया है कि उपमुख्यमंत्री 9 वी फेल हैं तो बाकी छात्रों को भी 9 वी से आगे नहीं बढ़ने दिया जायेगा? उपमुख्यमंत्री के भाई 12 वी पास हैं तो छात्रों को 12 वी पास होने से रोक दिया जाएगा?
श्री सिन्हा ने कहा कि शिक्षा विभाग की अराजकता के कारण बिहार के शिक्षक, छात्र, अभ्यर्थी और अभिभावक सभी परेशान हैं। शिक्षक बहाली में गड़बड़ी, जिला आवंटन में गड़बड़ी और अधिक अंक वाले की नियुक्ति न कर कम अंक वाले को सफल घोषित करना, कुछ ऐसे उदाहरण हैं जो शिक्षा विभाग की अकर्मण्यता को दर्शाता है।
श्री सिन्हा ने माँग की है कि मुख्यमंत्री को तुरंत हस्तक्षेप कर रोके गये छात्रों को सेंट अप परीक्षा में शामिल होने का आदेश देना चाहिये।