गया (बिहार), 6 सितम्बर। धार्मिक नगरी गया में आस्था और परंपरा का प्रतीक पितृपक्ष मेला आज से प्रारंभ हो गया है। यह मेला पूरे 17 दिनों तक चलेगा। इसका औपचारिक उद्घाटन शनिवार को किया जाएगा। इस दौरान देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने और पिंडदान करने के लिए गया पहुंचेंगे।
धर्म और आस्था का महापर्व
हिंदू धर्म में गया का पितृपक्ष मेला अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। शास्त्रों में उल्लेख है कि गया में पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी आस्था के चलते हर वर्ष श्राद्ध पक्ष में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। इस बार भी गया के विष्णुपद मंदिर, फल्गु नदी के तट और विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने लगी है।
प्रशासन की तैयारियां पूरी
श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। घाटों की साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय, स्वास्थ्य शिविर, प्रकाश व्यवस्था और यातायात प्रबंधन की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए नगर निगम, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार सक्रिय हैं।
देश-विदेश से आएंगे श्रद्धालु
नेपाल, म्यांमार, थाईलैंड सहित विभिन्न देशों के बौद्ध और हिंदू धर्मावलंबी इस मेले में शामिल होते हैं। इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यों से लाखों लोग अपने पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान हेतु गया आते हैं। इस दौरान पूरा शहर धार्मिक माहौल में सराबोर हो जाता है।
विशेष आकर्षण
विष्णुपद मंदिर परिसर में वैदिक ब्राह्मणों द्वारा विधिवत पूजा-पाठ और पिंडदान।
फल्गु नदी के घाटों पर सामूहिक तर्पण।
शहर भर में धार्मिक प्रवचन और कथा-कीर्तन का आयोजन।
गया का यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यहां की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को भी जीवंत करता है।
Author: janhitvoice











