राजधानी में 3 दिवसीय वैदिक सम्मेलन.वेद की समस्त शाखाओं का होगा पाठ.पटना में विशाल वैदिक सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है जिसमें देशभर के वेद के जानकार शामिल होंगे.यह आयोजन 17 अगस्त से 19 अगस्त, 2023 तक पटना के महाराणा प्रताप भवन में आयोजित की जा रही है.वैदिक सम्मेलन का आयोजन महावीर मन्दिर, पटना एवं महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित किया जा रहा है.



भारत सरकार के शिक्षा मन्त्रालय का स्वायत्तशासी संस्थान महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन इस दिशा में तत्पर है, जिससे सम्बद्ध 125 वेद विद्यालय एवं लगभग 250 गुरु-शिष्य परम्परा की ईकाइयाँ भारतवर्ष में प्राचीन परम्परा को पुनर्जागृत करने के लिए कटिबद्ध हैं। समय-समय पर इस संस्थान के द्वारा विभिन्न प्रान्तों में वैदिक सम्मेलन एवं विद्वद्-गोष्ठी का आयोजन कराया जाता है।
महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि बिहार की राजधानी पटना में पहली बार यह विशाल वैदिक सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। संस्थान की दृष्टि में यह क्षेत्रीय सम्मेलन है। इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, बंगाल तथा मणिपुर इन छह राज्यों के लगभग 100 वैदिक गुरुओं के मुख से समवेत स्वर में वेद की सभी शाखाओं का सस्वर पाठ प्रतिदिन होगा। साथ ही, वेद के विशिष्ट विद्वान् अपना व्याख्यान देंगे।
इस सम्मेलन का प्रारम्भ एक भव्य शोभा-यात्रा से होगा। कार्यक्रम के पहले दिन 17 अगस्त को यह शोभायात्रा महावीर मन्दिर से आरम्भ होकर कदमकुआँ रोड तथा नाला रोड होती हुई महाराणा प्रताप भवन तक जायेगी। इसके साथ वेद भगवान की सवारी रहेगी तथा रास्ते में सस्वर वेदपाठ भी होगा। इस शोभा-यात्रा के माध्यम से वेद के संदेशों का प्रचार किया जायेगा। रास्ते में जगह-जगह पर श्रद्धालुगण इस शोभा-यात्रा का स्वागत करेंगे। इस शोभायात्रा में श्रद्धालुगण निर्देशों का पालन करते हुए सम्मिलित हो सकते हैं।
बिहार सहित छह राज्यों से आए अध्यापक वेद की विभिन्न शाखाओं से चयनित अंश का सस्वर पाठ करेंगे। यह वेद पाठ प्रतिदिन दो सत्रों में होगा- प्रातःकाल 6:30 से 7:30 तक तीनों दिन पाठ होंगे तथा दूसरा सत्र प्रथम दिन 2:00 से 3:30, दूसरे दिन 10:00 से 11:00 और तीसरे दिन 10:00 से 12:30 तक होगा। ऋग्वेद की शाकल शाखा, यजुर्वेद की माध्यन्दिन, काण्व एवं तैत्तिरीय शाखा, सामवेद की कौथुम तथा राणायनीय शाखा एवं अथर्ववेद की शौनक तथा पैप्पलाद शाखा से परम्परानुसार वेद के मन्त्रों का पाठ होगा। प्रत्येक दिन दो बार वेद पारायण करने का कार्यक्रम है, जिसमें एक ही समय में अलग-अलग मंचों से अलग-अलग शाखाओं के वैदिक सस्वर पाठ करेंगे। साथ ही घनपाठ का भी कार्यक्रम रखा गया है।

Author: janhitvoice

