राजनीति में फर्स्ट लेकिन सत्ता और प्रशासन पर पकड़ ढीली। कुछ ऐसा ही हाल इन दोनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की देखने को मिल रही है। पिछले 17 सालों से मुख्यमंत्री के पद पर काबिज नीतीश कुमार की राजनीति की समझ की सभी दाद दे रहे हैं क्योंकि चाहे बिहार की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल हो या देश की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी सभी को मात देने में नीतीश कुमार माहिर खिलाड़ी साबित होते रहे हैं इसलिए बिहार में पिछले 17 सालों में सत्ता परिवर्तन तो हुआ लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बने इसके लिए नीतीश कुमार को पलटू राम भी कहा गया लेकिन नीतीश कुमार को फर्क नहीं पड़ा।
राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि नीतीश कुमार को राजनीतिक समझ है और वह अपनी समझ और सूझबूझ का परिचय देते हुए सत्ता के शीर्ष पर बैठने में हमेशा कामयाब रहे हैं। यह उनकी उपलब्धि है, परंतु मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब बिहार में कथित जंगल राज की खत्म के बाद 2005 में बिहार की गद्दी पर बैठे उस समय जो नीतीश कुमार की ताकत और समझ बूझ थी अब उसमें गिरावट आ गई है और यही कारण है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सवालों के घेरे में आ गए हैं।
नेता प्रतिपक्ष का आज के बयान का आकलन करें तो तेजस्वी यादव ने साफ तौर पर कहा कि नीतीश कुमार का शासन और प्रशासन में अब उतना इकबाल नहीं रहा। नीतीश कुमार का इकबाल समाप्त हो चुका है। तेजस्वी यादव ने कहा कि यही कारण है कि बिहार में एनडीए की सरकार बने हुए एक महीने बीतने को है लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया है, जिसके कारण विकास का कामकाज ठप्प है। तेजस्वी यादव ने कहा कि यह बहुत ही अचरज की बात है की सरकार बने हुए एक महीने गुजर गए लेकिन नीतीश कुमार में वह ताकत नहीं कि वह जल्दी से जल्दी मंत्रिमंडल का विस्तार कर सके। साथ ही तेजस्वी यादव ने एक और सवाल उठाया है जो नीतीश कुमार का इकबाल प्रशासन में भी समाप्त हो चुका है और यही कारण है की विधानसभा में नीतीश कुमार ने भले ही स्कूल टाइमिंग को लेकर बड़ा बयान दिया और कहा कि बिहार में स्कूल की टाइमिंग शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक द्वारा जारी आदेश के मुताबिक नहीं होगा बल्कि स्कूल की टाइमिंग ऑफ सुबह 10:00 बजे से शुरू होगी और अपराह्न 4:00 बजे बंद करने का प्रावधान होगा । उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के कहने का बावजूद शासन में बैठे लोग बातों को दरकिनार कर दिया और पहले की तरह ही बिहार में अभी भी स्कूल की टाइमिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के बातों को अब प्रशासन के लोग भी मानने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से अब सभी उब गए हैं बिहार की जनता नीतीश कुमार के पार्टी के नेता बिहार सरकार के अधिकारी तमाम लोग नीतीश कुमार के रवैया से उब गए हैं। तेजस्वी यादव द्वारा उठाई गई सवाल से साफ हो गया है कि नीतीश सरकार डिफेंसिव मूड में है और विपक्ष एग्रेसिव मूड में यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि नीतीश कुमार अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर सके हैं। हालांकि बीते दिनों नीतीश कुमार ने कहा था कि मंत्रिमंडल का जल्दी ही विस्तार हो जाएगा यानी अंदर खाने में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बातें चल रही है लेकिन बात बन नहीं पा रही है तो क्या नीतीश कुमार अब उतने मजबूत नहीं है कि कोई फैसला वह जल्द ले सके और जनहित में ले सके। इसको लेकर नीतीश कुमार सवालों के घेरे में है और विपक्ष के निशाने पर है।
इस बार नीतीश कुमार भले ही मुख्यमंत्री फिर से बन गए लेकिन विपक्ष का कहना है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी बिहार में एनडीए की सरकार कंफ्यूजन में है और विकास का कामकाज नहीं हो रहा है जाहिर है अगर नीतीश कुमार जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं करते वहीं दूसरी तरफ स्कूल टाइमिंग को लेकर जिस प्रकार से शिक्षा विभाग का मुख्यमंत्री के बयानों में अलग-अलग तथ्य सामने आ रहे हैं उसे पर कोई निर्देशात्मक कदम नहीं उठाया जाता तो नीतीश सरकार विपक्ष के निशाने पर रहेंगे और निश्चित तौर पर इसे बिहार के विकास के कामों पर असर पड़ेगा।