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पटना में राजनीतिक हलचल तेज, नीतीश के फिर से एनडीए में जाने की ख़बर?

बिहार की राजनीति के पुरोधा कर्पूरी ठाकुर की जन्मशताब्दी समारोह के बाद बिहार में सियासी समंदर में कयासों की लहरें तेजी से हिलोर लेने लगी हैं। माहौल ऐसा कि कोई भी राजनेता इस पर कुछ भी खुलकर बोलने से बचता नजर आ रहा है। पक्ष हो या विपक्ष मानों हर किसी के बयान में एक पहेली सी छिपी है। ऐसे में अब देखना बेहद दिलचस्प हो गया है कि आखिर क्या होने वाला है।


फिलहाल सूत्रों के हवाले से जो खबरें आ रही हैं उन्हें आप क्रमवार समझिए-


नीतीश के सारे दौरे रद्द

नीतीश के आवास पर जेडीयू के सभी विधायक बुलाए गए

सीएम आवास पर जेडीयू विधायकों की बैठक

बैठक में ललन सिंह, विजय चौधरी सहित जेडीयू से सभी बड़े नेता मौजूद

सम्राट चौधरी दिल्ली रवाना

सुशील मोदी को अमित शाह से मिलने दिल्ली बुलाया गया

बीजेपी बिहार में सीएम पद चाहती है

नीतीश कुमार को एनडीए का संयोजक बनाया जा सकता है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे दिल्ली रवाना

नीतीश का चार फरवरी का दौरा भी रद्द


फिलहाल की बात करें तो राबड़ी आवास के बाहर पत्रकारों का जमावड़ा है। वहीं विधान भवन के आगे भी कमोवेश कुछ यही हालात हैं। इन सभी के बीच एक ख़बर आ रही है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार का चार फरवरी को होने वाला झारखंड दौरा रद्द हो गया है। आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी का भी चार फरवरी को बिहार दौरा प्रस्तावित है। अब इन ख़बर के बाद सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म है। ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि इस तथ्यों का कोई तारतम्य है या यह मात्र एक अफवाह हैं।

पिछली घटनाएं कर रहीं क्या इशारा
अब जरा पिछली कुछ घटनाओं पर नजर डालते हैं। गुरुवार को प्रदेश सरकार की बैठक, उसके बाद बिना मीडिया से बात किए नेताओं का चले जाना। लालू की बेटी का ट्वीट, नीतीश द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ। केसी त्यागी की आरजेडी को लेकर चुप्पी। इन सबमें सबसे पहले जीतनराम मांझी का रहस्यमय ट्वीट। आखिर हम इसे रहस्यमय क्यों कह रहे हैं? क्योंकि उनके ट्वीट का एक अर्थ यह समझ आता है कि अचानक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलने की घोषणा की गई लेकिन शायद उसके कई मायने और भी हो सकते हैं।

अमित शाह के बयान के आखिर क्या हैं मायने
हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी एक बयान सामने आया था। उन्होंने जेडीयू के एनडीए में शामिल होने को लेकर कहा था कि अगर प्रस्ताव आएगा तो विचार किया जाएगा। जीतनराम मांझी ने भी जेडीयू के एनडीए में पर विरोध से इनकार किया था। वहीं पूर्व में आरएलजेडी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि अगर जेडीयू एनडीए में आना चाहेगी तो हम पैरवी कर देंगे। ऐसे में अब देखना दिलचस्प हो गया है कि बिहार की राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और इंडी गठबंधन में भी दरार साफ नजर आने लगी है।

Author: janhitvoice

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