बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अब नीतीश कुमार के खिलाफ रणनीति बना रहे है।
बीते दिनों नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने भीम संसद का आयोजन किया था और ऐसे में अब विपक्ष में दलितों के नेता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी 5 दिसंबर को पटना में नीतीश कुमार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे और हवन भी करेंगे।
नीतीश कुमार स्वाहा नीतीश कुमार स्वाहा नीतीश कुमार स्वाहा
वहीं दूसरी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सांसद दलितों का एक महासम्मेलन बुलाया था, अब उसको टक्कर देने के लिए जीतन राम मांझी भी 24 दिसंबर को पटना के मिलर ग्राउंड में दलितों का महासम्मेलन बुला रहे हैं जिसमें नीतीश कुमार के दलित विरोधी चेहरे को उजागर किया जाएगा
नीतीश कुमार जी कहते है हम शेड्यूल कास्ट के हिमायती हैं। उन्होंने भीम संसद का आयोजन भी किया। लेकिन नीतीश कुमार सिड्यूल कास्ट के हिमायती बिल्कुल नही रहे।
जिनको उन्हीने बुलाया ये कह कर बुलाया की जो अनुबंधन पर हैं उनको समायोजन किया जयगा
जो तोला सेवक है जो लोग है वो इस बात में नही रहे कि नितीश कुमार ने उनलोगों को अनुबंधन पर रखा है
ये प्रस्ताव मैंने और JP रमैया साहब ने पहल की थी
हमलोगों ने जो बहाल किया था उसमें वो महिला भी शामिल थी जो नाम लिखना नही जानती थी
जिस विकास मित्र को नीतीश जी ने बुलाया की आपलोग को मानदेय 25 हजार कर देंगे वो भी
मेरे समय काल में हीं हो गया था
आज जिस कारण उन्होंने सबको बुलाया तो उन्होंने ऐसा क्यों नही किया क्या समस्या है मुख्यमंत्री की।
रत्नेश सदा जब बोलने लगे तो उनका माइक छीन लिया गया और हाथ पकड़ कर बैठा दिया।
फिर उनको खूब डांटा गया कि तुम क्या जानते हो ये सब तो सरकारी है तुम कुछ भी बोलते हो बोलने नही आता।
ठीक उसी प्रकार डांटा गया जिस प्रकार विधानसभा में जीतन राम मांझी को बेइज्जत किया गया था।
मद्द निषेद नीतीश सरकार ये दावा करती है कि इनको नॉवेल पुरस्कार मिलना चाहिए.
लेकिन शराब बंदी में जो बंदी हैं उनमें 80 % दलित हैं.
जो एक पौवा पी कर शाम में घर जाता है.
वैसे लोगों को इन्होंने बन्द कर रखा है.
500 रुपया कमाने वाले 2 हजार और 3 हजार कहाँ से देगा और जेल चला जाता है.
आपका ये मद्द निषेद सही से नही चल रहा है.
मेरी सरकार आएगी तो हमलोग या तो गुजरात की तर्ज पर लागू करेंगे या यूं ही छोड़ देंगे .
पहले भी तो था हीं…
कहाँ आरक्षण है इस बात को जानने के लिए आरक्षण आयुक्त का पद था उसे भी नीतीश कुमार ने गायब कर दिया
यही तो नीतीश कुमार का दलित प्रेम है
2017 में क्लास 4 में शेड्यूल कास्ट से बहाली को बंद कर दिया और एजेंट के माध्यम से बहाली करवाते हैं
पहले ऐसी प्रक्रिया नही थी, पहले डायरेक्ट बहाली होती थी, आउट सोर्स से नही.
शिड्याल कास्ट के प्रति नीतीश कुमार का रोल शुरुआत से हीं नकारात्मक है और ये सिर्फ ढोल पिट रहे कि हम शिड्यूल कास्ट के हिमायती थे.
अपने मंत्री का माइक छीन लिया गया, हम रहते तो बर्दास्त नही करते…
ऐसे मंत्री के साथ कोई कैसे कर सकता है.
शिड्यूल कास्ट से आने वाले मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए
बेइज्जत होकर कोई कैसे पद पर बना रह सकता है.
मैं विधानसभा में अध्यक्ष से बोल रहा था, और मुख्यमंत्री हमको जलील कर रहे थे… अगर हम विधानसभा में नही होते कहीं बाहर होते तो हम भी बर्दास्त नही कर सकते।