भगवानपुर स्थित डॉ० सी० वी० रमण विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय वन दिवस एवं विश्व जल दिवस का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ० सी० वी० रमण विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० एम० एल० गौर, विश्वविद्यालय कुलसचिव डॉ० ब्रिजेश सिंह एवं केंद्रीय भूमि जल प्राधिकरण, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के सदस्य सचिव(रिटायर्ड), आनंद कुमार अग्रवाल मौजूद थें।
सर्वप्रथम सभी मुख्य अतिथि का स्वागत विश्वविद्यालय डीन अकादमिक डॉ० धर्मेंद्र कुमार सिंह द्वारा पुष्पगुच्छ देकर किया गया। तत्पश्चात डॉ० गौर ने आनंद अग्रवाल को अंगवस्त्र तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
डॉ० गौर ने कहा कि जल शक्ति का प्रतीक है। पर्यावरण के सारे अवयव एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अगर जल का संरक्षण नहीं किया गया तो कहीं अकाल तो कहीं बाढ़ की समस्या पैदा हो सकती है।
आनंद कुमार अग्रवाल ने कहा कि जल का संरक्षण एक वैश्विक समस्या है। कल 153 देश की सीमाएं जल स्रोत साझा करती है जिसमें से कुल 24 देश के बीच समझौता किया गया। इसका अभिप्राय यह है कि बाकी देश अपने हिसाब से जल स्रोत को कभी भी प्रभावित कर सकते हैं, जिससे दूसरे देश पर भी प्रभाव पर सकता है और विश्व युद्ध की समस्या पैदा हो सकती है। अतः जल संरक्षण एक वैश्विक समस्या है।
तत्पश्चात सभी छात्रों एवं प्राध्यापकों के शंकाओं को मुख्य अतिथि द्वारा दूर किया गया।सभी प्राध्यापक सहित छात्रों ने जल संरक्षण हेतु शपथ लिया। विदित हो कि 21 मार्च 2024 को अन्तर्राष्ट्रीय वन दिवस का आयोजन विश्वविद्यालय सभागार में किया गया| इसमें विशेषज्ञ व्याख्यान हेतु विश्वविद्यालय कुलपति डॉ० एम० एल० गौर मौजूद थे।
इस विशेष मौके पर पिछले एक सप्ताह से असैनिक अभियंत्रण विभाग एवं कृषि विभाग द्वारा व्याख्यान श्रृंखला, निबंध लेखन तथा पोस्टर प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता आयोजित की जा रही थी। जिसमें छात्र आदित्य राज, स्नेहा कुमारी, खुशी कुमारी, उदय प्रताप, यशस्वी राज इत्यादि को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
कार्यक्रम असैनिक अभियंत्रण विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० शांतनु एवं कृषि विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० संतोष कुमार के मार्गदर्शन में संपन्न हुई।