बिहार-पटना: मंत्री आलोक कुमार मेहता ने दी जानकारी
दो भाग में होगा यह काम। इस कॉल सेंटर के द्वारा किसी भी प्रकार की जानकारी ली जा सकेगी।
पूरे बिहार में काम शुरू होगा। द्वितीय चरण के सर्वे का कार्य होगा। उसमें वैकेंसी आएगी। सर्वे के लिए बहाली की प्रक्रिया चल रही है। पहले चरण के सर्वे में 79 अंचल, बीस जिलों में काम हुआ। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक पांच हजार राजस्व ग्राम का काम होगा।
दाखिल खारिज के कार्य को त्वरित गति से कार्य हो।
जहां कार्य और स्पीड कम है, वहा कारण जानने की कोशिश। अगर अधिकारी की कोताही होगी, तो उसपर भी कार्यवाही होगी।
जातीय गणना को सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने अनूठी पहल की है। अब अन्य राज्यों में भी विचार हो रहा है। जो विरोध कर रह रहे हैं, उनकी गणित कमजोर हैं। आंकड़ों पर मैं मंत्री के नाते कह रहा हूं कि यह तकनीकी रूप से बेहतर आंकड़ा है।
ऐसे लोग गुमराह ने करे। प्रतिशत घटता बढ़ता नहीं है। पढ़े लिखे की संख्या बढ़ सकती है, थोड़ा कम पढ़े लिखे में संख्या थोड़ी बढ़ सकती है।
इसे जातिवाद का नाम दिया जा रहा है।
देश की ८५ प्रतिशत अवाम सिमटी हुई है। जबकि १५ प्रतिशत वाले हर जगह हैं।
उपेंद्र कुशवाहा समाज को गुमराह कर रहे हैं।
सवाल खड़ा करने वालों की नजर और निशाना कहीं और है।