पटना: बिहार में मंत्रिमंडल के विस्तार मामले को लेकर क्या महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस ठगा महसूस कर रही है ? राजनीतिक गलियारों में इस बात की खूब चर्चा हो रही है। इसका कारण यह है कि बार-बार मांग उठाये जाने के बाद भी अभी तक नीतीश मंत्रिमंडल में कोटा के हिसाब से कांग्रेस को उसकी हिस्सेदारी नहीं मिली है। विपक्षी एकता की आयोजित बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी जब पटना आए थे इस दौरान मंत्रिमंडल विस्तार की जोर-जोर से चर्चा हुई थी। इस दौरान कांग्रेस ने दावा किया था बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार जल्दी होगा और कांग्रेस कोटे से दो मंत्री नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। वैसे राजद की कोटे से भी दो मंत्री बनाए जाने की चर्चा थी। काफी दिनों तक इसकी चर्चा होती रही। इस दौरान कहा गया कि राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस दोनों की ओर से मंत्री बनने वाले विधान मंडल के सदस्यों की गोपनीय रूप से बनाई गई सूची सुपुर्द कर दी गई। इसको लेकर दोनों दलों में उत्साह नजर आ रहा था। खासकर कांग्रेस में ज्यादा उत्साह था। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने मौका दर मौका कई बार इसकी चर्चा की। बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तब जरुर पड़ी थी जब पटना में विपक्षी दलों की बैठक आयोजित की गई थी, इस दौरान कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पटना आए थे और इस दौरान राहुल गांधी पार्टी के प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम गए थे और अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया था। इस दौरान यह चर्चा हुई थी कि बिहार में मंत्रिमंडल का जल्दी ही विस्तार होगा इसको लेकर राहुल गांधी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में बातचीत भी हुई है। लेकिन महीनो बीतने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ। लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा को उसे समय विराम लग गई जब स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कह दिया कि अभी इस तरह की कोई बात नहीं है।
कांग्रेस कोटे से बनाए जाने थे दो मंत्री
इस बयान के बाद से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए यह कहा कि इसके बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ही सवाल पूछे। इसी कारण यह माना जा रहा है कि कांग्रेस मंत्रिमंडल विस्तार मामले को लेकर ठगा महसूस कर रहा है। खास बात यह है कि मंत्रिमंडल विस्तार का मामला अब इसलिए भी ठंडा बस्ता में चला गया है क्योंकि नीतीश सरकार ने जातीय सर्वेक्षण रिपोर्ट को जारी कर दिया है।
इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार का कहीं कोई चर्चा अब नहीं हो रही है बल्कि अब तो जातीय सर्वेक्षण रिपोर्ट की आधार पर हिस्सेदारी की मांग उठ गई है , ऐसे में अब जिस कांग्रेस पार्टी को मंत्रिमंडल में कोटे के हिसाब से हिस्सेदारी नहीं मिली है उन्हें जातीय सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर क्या हिस्सेदारी मिलेगी अब इस पर सब की निगाहें टिकी है।