मीडिया से बातचीत के दौरान आनंद मोहन ने कहा कि जिसका बलिदान का इतिहास है । 1857 के गदर का उसमें हमारा नायक था बहादुर शाह जफर । हमारे जो क्रांतिकारी मित्र लोग मरे, पुरखे लोग मरे ,जिसमें भगत सिंह थे, चंद्रशेखर आजाद थे, बिस्मिल थे । उसमें एक नौजवान और था उसका नाम था अशफाक उल्ला खान । अगर गांधी के नेतृत्व में इस देश मे आजादी की लड़ाई हुई । 42 की या 47 में आजादी की आज़ादी है उसके पीछे भी सीमांत गांधी अब्दुल गफ्फार का अब्दुल कलाम आजाद ऐसे दर्जनों लोगों की असीम कुर्बानियां है । सबको लेकर यह मुल्क आजाद हुआ । तब जाकर इस देश लोकतंत्र के बहाली हुई । आजादी और लोकतंत्र के लिए हमारे इन पुरखों ने कुर्बानियां दी । मुल्क की आजादी के बाद यहां के बॉर्डर के हिफाजत के बारी आई तो कैप्टन हमीद आगे आए । आगे कर टैंक को तोड़ने का काम किया है । आज कोई सांसद निकले लोकतंत्र के मंदिर में किसी धर्म विशेष को गाली दे । राजसभा के अंदर जाकर जात विशेष को गाली दे यह बर्दाश्त के काबिल नहीं है । उन्होंने मीडिया कर्मियों को कहा कि आप लोकतंत्र के चौथे स्तंभ है । आप लोगों की भी जिम्मेदारी बनती है । अगर जात विशेष को गाली दिया जाए उसको टारगेट किया जाए कटवा आतंकवादी कहा जाए या ठाकुर को टारगेट किया जाए तो उसका विरोध करे । उन्होंने कहा अपने अंदर के ठाकुर को मारो उसे बार-बार दोहराना यह कतई बर्दाश्त के काबिल नहीं है । कोई भी लोकतंत्र के मूल्यों में यकीन करने वाला आदमी बर्दाश्त नहीं करेगा । उन्होंने कहा कि महिला बिल पर हमारा मार्शल आउट का इतिहास रहा है । रामनारायण जी के बाद 36 वर्षों के बाद सदन में पहला मार्शल आउट आनंद मोहन का पहला मार्शल आउट हुआ था । तब मेरे सर पर चोटे आई थी । उन्होंने कहा लोग महिला आरक्षण बिल पर भाषण देते हैं । आनंद मोहन का लहू बहा है । लवली आनंद की गिरफ्तारी हुई है । पत्रकारों के सवाल पर कहा कि हम पहले भी कह चुके हैं हम रहते तो हम इसका प्रोटेस्ट करते । हमने जो बात बोला है उस पर हम अडिग है । आनंद मोहन ने फिटकरी का उदाहरण लेते हुए कहा की फिटकरी का एक काम है एक तो कीटाणु नाशक है । दूसरा उसका काम है एक क्विंटल दूध ले लीजिए एक ढेला फिटकरी डाल दीजिए दूध फट जाएगा । उन्होंने कहा एक फिटकरी झा है वह नहीं चाहता है इस देश इस प्रदेश में जो मार्शल कॉम है । कृषक जातियां हैं वही इकट्टा हो । वह एजेंट बनकर लगा हुआ है कि वो तोड़े ।
बाईट:—आनंद मोहन, पूर्व सांसद

Author: janhitvoice

