जिले में फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल शिक्षकों पर कार्रवाई तेज हो गई है। विभाग की ओर से शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच में इसका खुलासा हुआ है। एक माह के अंदर सर्टिफिकेट जांच में कुल 23 शिक्षक और शिक्षिकाओं के प्रमाण-पत्र जाली पाए गए हैं। इनमें पांच शिक्षकों को पहले और 18 शिक्षकों के प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए हैं।
इस कड़ी में झारखंड के अधिविध परिषद रांची के नाम पर फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल 18 शिक्षक और शिक्षिकाओं को सेवा मुक्त करने का आदेश डीईओ ने डीपीओ स्थापना को दिया है। इन शिक्षकों के सर्टिफिकेट को विभाग की ओर से जांच के लिए अधिविध परिषद रांची भेजा गया था। परिषद की ओर से जांच में कुल 18 शिक्षक और शिक्षिकाओं के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं।
इस संबंध में डीईओ ने बताया कि राजकीय बुनियादी विद्यालय, बगोदर की तत्कालीन HM सुधा कुमारी को प्रमाण-पत्र जांच के लिए डीईओ कार्यालय की ओर से अधिकृत किया गया था। इसमें रजिस्ट्री के माध्यम से कुल 21 शिक्षक और शिक्षिकाओं के संयुक्त सचिव झारखंड अधिविध परिषद रांची के सत्यापित रिपोर्ट मिले हैं, जिसमें 18 शिक्षक और शिक्षिकाओं का प्रमाण-पत्र फर्जी पाया गया है.