पटना – जाति आधारित गणना रिपोर्ट जारी: जाति आधारित गणना रिपोर्ट जारी होने के बाद सीएम नीतीश कुमार का बयान दिया है । उन्होंने कहा कि अब आर्थिक स्थिति के बारे में भी सरकार जानकारी देगी। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए जो जरूरी होगा उसका कदम उठाएंगे ।नीतीश ने कहा कि बिहार में जो कर रहे हैं वो देश में हो । रिपोर्ट आने के बाद अब सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे । कल के बाद धीरे धीरे हमको और जानकारी मिलेगी । हम सभी का विकास चाहते हैं ।
सर्वदलीय बैठक में सबकी राय लेकर आगे काम करें
बीजेपी ने नीतीश से पूछा था कि क्या किया है पिछड़ा के लिए ? अतिपिछड़ा को अबतक देश में मान्यता नहीं मिला । नीतीश कुमार ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सबकी राय लेकर आगे काम करेंगे ।बिहार में जातीय गणना का आंकड़ा पेश कर दिया गया है। गांधी जयंती के मौके पर नीतीश कुमार ने यह फैसला लिया कि बिहार में जो जाति आधारित गणना करवाई गई उसका रिपोर्ट जारी कर दिया गया है।गांधी जयंती के दिन पर जाति आधारित गणना 2022 कार्य के सर्वेक्षण के आंकड़े को प्रकाशित कर दिया गया है। इसको लेकर सर्वदलीय बैठक में फैसला किया गया था जाति आधारित गणना करने के प्रस्ताव पर कर मुहर लगी थी।
जाति आधारित गाना रिपोर्ट
जाति आधारित गाना रिपोर्ट में जो आगरे दिए गए हैं उसके मुताबिक राज्य में सामान्य वर्ग की कुल आबादी 15.52 है। अनुसूचित जाति की कुल जनसंख्या 19.56 है। अनुसूचित जनजाति की कुल संख्या 1.68% है। पिछड़ा वर्ग 27.12% है। अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36. 01 है। कोइरी- 4.2 कुर्मी- 2.8 कायस्थ- .60 मोची,चमार,रविदास- 5.2 ब्राह्मण- 3.65 भूमिहार- 2.86 मुसहर- 3.08 राजपूत- 3.45 बनिया- 2.31 मल्लाह- 2.60 यादव- 14.26 है।
दरअसल, राज्य में जातीय गणना का पहला चरण 7 जनवरी से शुरू हुआ था। इस चरण में मकानों की सूचीकरण, मकानों को गिना गया। यह चरण 21 जनवरी 2023 को पूरा कर लिया गया था। जातीय गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू हुआ था। जिसे 15 मई को पूरा हो जाना था। लोगों से डेटा जुटाए गए। दूसरे चरण में परिवारों की संख्या, उनके रहन-सहन, आय आदि के आंकड़े जुटाए गए।