सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि सरकारी डॉक्टर अपने घर में दवाई रख सकता है और उन्हें मरीजों को दे सकता है । यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक मेडिकल कॉलेज की सहायक प्रोफेसर डॉक्टर के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के तहत चार्ज सीट निरस्त कर दी। त्वचा रोग विशेषज्ञ अतीलक्ष्मी पर आरोप था कि वह अपने सरकारी आवास पर मरीजों को देखती हैं और वहां उसने दवाएं स्टाक कर रखी हैं जो मरीज को बेची जाती है। ड्रग इंस्पेक्टर ने डॉक्टर के आवास पर छापा मारा -23 किस्म की दवाई पकड़ी और उसके खिलाफ सरकार से उचित अनुमति लेकर इगमोर की मजिस्ट्रेट कोर्ट में रिपोर्ट दायर की