March 31, 2025 6:21 pm

2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है

गांधी जयंती: बापू या महात्मा गांधी के जन्म दिन 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. इस अवसर पर देश के सभी विद्यालयों में कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. वस्तुतः गांधीजी विश्व भर में उनके अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाने जाते हैं और यह दिवस उनके प्रति वैश्विक स्तर पर सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है.

गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले 1915 में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था. एक अन्य मत के अनुसार स्वामी श्रद्धानन्द ने 1915 मे महात्मा की उपाधि दी थी, तीसरा मत ये है कि गुरु रविंद्रनाथ टैगोर ने महात्मा की उपाधि प्रदान की थी.

सबसे पहले गान्धी जी ने प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिये संघर्ष हेतु सत्याग्रह करना आरम्भ किया. 1915 में उनकी भारत वापसी हुई. उसके बाद उन्होंने यहाँ के किसानों, श्रमिकों और नगरीय श्रमिकों को अत्यधिक भूमि कर और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने के लिये एकजुट किया. 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देशभर में दरिद्रता से मुक्ति दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण व आत्मनिर्भरता के लिये अस्पृश्‍यता के विरोध में अनेकों कार्यक्रम चलाये इन सबमें विदेशी राज से मुक्ति दिलाने वाला स्वराज की प्राप्ति वाला कार्यक्रम ही प्रमुख था.

गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये लवण कर के विरोध में 1930 में नमक सत्याग्रह और इसके बाद 1942 में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से विशेष विख्याति प्राप्त की. दक्षिण अफ्रीका और भारत में विभिन्न अवसरों पर कई वर्षों तक उन्हें कारागृह में भी रहना पड़ा. गांधी जी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्य का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के लिये वकालत भी की. उन्होंने साबरमती आश्रम में अपना जीवन बिताया और परम्परागत भारतीय पोशाक धोती व सूत से बनी शाल पहनी जिसे वे स्वयं चरखे पर सूत कातकर हाथ से बनाते थे. उन्होंने सादा शाकाहारी भोजन खाया और आत्मशुद्धि के लिये लम्बे-लम्बे उपवास रखे. 12 फरवरी वर्ष 1948 में महात्मा गांधी के अस्थि कलश जिन 12 तटों पर विसर्जित किए गए थे, त्रिमोहिनी संगम भी उनमें से एक है. 

भारत वासियों के लिए गांधीजी की जयंती किसी त्योहार से कम नहीं है. इस दिन कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

स्वच्छ भारत एक साझा जिम्मेदारी

पीएम मोदी ने एक पोस्‍ट कर का है कि स्वच्छ भारत एक साझा जिम्मेदारी है और हर प्रयास मायने रखता है. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी खाद्य जगत से जुड़े लोगों से इस अभियान में शामिल होकर महात्‍मा गांधी को स्‍वच्‍छांजलि देने के लिए श्रमदान करने की बात कही है. बता दें कि यह अभियान गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर शुरू किया जाएगा. राष्ट्रपिता ने जीवन भर स्वच्छता पर जोर दिया था.
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “एक अक्टूबर को सुबह 10 बजे, हमें एक महत्वपूर्ण स्वच्छता पहल के लिए एक साथ आना है. स्वच्छ भारत एक साझा जिम्मेदारी है और हर प्रयास मायने रखता है. एक स्वच्छ भविष्य की शुरुआत करने के लिए इस महान प्रयास में शामिल हों.’

महात्मा गांधी को स्वच्छांजलि देने हेतु श्रमदान करें : गोयल
वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ‘एक्स’ पर अपनी एक पोस्‍ट के माध्‍यम से कहा, “मैं खाद्य जगत से जुड़े सभी आपूर्तिकर्ताओं, उचित मूल्य की दुकानों, उपभोक्ताओं और सभी नागरिकों से #SwachhBharat के इस अभियान से जुड़ने का आह्वान करता हूं. हम सभी 1 तारीख को सुबह 10 बजे स्वच्छता पखवाड़े में एकजुट होकर महात्मा गांधी जी को स्वच्छांजलि देने हेतु श्रमदान करें.”

 

janhitvoice
Author: janhitvoice

janhit voice
dental clinic

Share this post:

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

Weather Data Source: wetter morgen Delhi

राशिफल