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28-29 अक्तूबर की रात को लगेगा शरद पूर्णिमा-चंद्र ग्रहण साथ-साथ

साल का अंतिम चंद्रग्रहण 28-29 अक्तूबर की रात को लगेगा। इसी दिन शरद पूर्णिमा का मान है। ऐसे में लोगों के मन ये सवाल स्वभाविक है कि चंद्र ग्रहण में खीर कैसे रखी जाएगी। ज्योतिषाचार्य इसे लेकर किसी तरह का भ्रम न पालने की सलाह दे रहे हैं।

वैदिक ज्योतिष शोध परिषद के अध्यक्ष महामहोपाध्याय डॉ. आदित्य पांडेय कहते हैं कि धर्म सिंधु के अनुसार, जब चंद्र ग्रहण होता है तो उसका प्रभाव सदैव जनमानस पर पड़ता है। निर्णय सिंधु कहता है कि वृद्ध, बच्चे और बीमार लोगों को छोड़कर ग्रहण सभी के लिए प्रभावी माना जाता है। साथ ही उसका सूतक भी प्रभावी माना जाएगा। ऐसे में शरद पूर्णिमा इस बार ग्रहण से प्रभावित है।

जानिए खीर कब और कैसे रखें
पंडित धीरेन्द्र पांडेय व डॉ. आदित्य पांडेय कहते हैं कि जो लोग शरद पूर्णिमा पूजन करते हैं अथवा रात्रि काल में खीर चंद्रमा के लिए रखते हैं, उनको मध्यम रात्रि के बाद ही खीर रखनी चाहिए। निर्णय सिंधु में यह भी वर्णित है कि यदि तुलसी दल किसी भी भोजन पात्र में रख दिया जाए तो ऐसे में खीर में तुलसी दल रखकर रखने से ये दोष प्रभावी नहीं होगा। ग्रहण का जो प्रमुख प्रभाव है वो ग्रहण काल में ही माना जाता है। ऐसे में ग्रहण के काल को छोड़कर खीर रखी जा सकती है। ग्रहण से पूर्व तुलसी पत्र या कुशा रखकर खीर रखी जा सकती है। रात को 8 बजे के आसपास उसको खुले आसमान के नीचे रख दें और फिर ग्रहण लगने से पहले ही हटा लिया जाए।

जानिए कब से कब तक बंद रहेंगे मंदिरों के कपाट
हनुमान सेतु मंदिर शाम 4 बजे बंद होगा और अगले दिन 5.30 बजे खुलेगा।
नया हनुमान मंदिर अलीगंज- दोपहर 3.30बजे बंद होगा और रविवार की सुबह पांच बजे खुलेगा।
मनोकामेश्वर मंदिर, डालीगंज- शाम 4 बजे से बंद होगा, अगले दिन प्रातः 5 बजे खुलेगा।
3.30 बजे दोपहर में बंद हो जाएगा अगले दिन पांच बजे से खुलेगा। नया हनुमान मंदिर
सुबह 5 से शाम चार बजे तक खुला रहेगा…इसके बाद अगले दिन खुलेगा
नोटः सूतक काल लगने के साथ ही सभी मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे।

Author: janhitvoice

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