केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर कमेटी बनाई हैं।कमेटी में कौन- कौन सदस्य होगा इसका नोटीफ़िकेशन थोड़ी देर में जारी होगा।आपको बता दें कि सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक लोकसभा और राज्यसभा का विशेष सत्र बुलाया है जिसमें 5 बैठकें होंगी। कहा जा रहा है कि सरकार समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और महिला आरक्षण बिल भी पेश कर सकती है।
देश में लोकसभा चुनाव और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने को लेकर कई तरह की अटकलबाजी पहले ही लगती रही है। अब केंद्र सरकार इस दिशा में कदम बढ़ा सकती है, यानी वन नेशन-वन इलेक्शन का फार्मूला देश में लागू किया जा सकता है. इसकी संभावना इसलिए बढ़ गई है क्योंकि केंद्र सरकार ने 18-22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है. माना जा रहा है कि इसमें वन नेशन-वन इलेक्शन पर एक प्रस्ताव आ सकता है. अभी सरकार की तरफ से संसद का विशेष सत्र बुलाने के बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया गया है. लोकसभा सचिवालय सूत्रों को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पांच दिन के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने की जानकारी दी है. यह बैठक संसद के नए भवन में होने की जानकारी है. इस दौरान करीब 10 विधेयक पेश किए जा सकते हैं. केंद्रीय सचिवालय के अधिकारियों और राजनीतिक दलों को इतने भर से संतोष नहीं हो रहा है। सभी को लग रहा है कि सरकार कुछ बड़ा करने वाली है. विपक्षी धड़ों के कुछ नेताओं को लग रहा है कि केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों को आगे बढ़ा सकती है और अपने पुराने एजेंडे वन नेशन, वन इलेक्शन का ऐलान कर सबको चकित कर सकती है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम ‘थोड़ी घबराहट’ को दर्शाता है. राहुल गांधी पहले से कहते रहे हैं कि सरकार डरी हुई है. ऐसे में वह हार के डर से कोई भी कदम उठा सकती है. दूसरी तरफ, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश समेत कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं ने विपक्षी गठबंधन INDIA की बैठक और अडानी समूह पर ताजा खुलासों से ध्यान हटाने के लिए इसे “मोदी स्टाइल में समाचार चक्र का प्रबंधन” करार दिया है. वहीं जानकारों का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार कई ऐसे विधेयकों को पारित कराने की तैयारी में है जो पिछले लम्बे समय से लंबित है. चुकी अब शीतकालीन सत्र ही इस सरकार के कार्यकाल का अंतिम पूर्ण सत्र होगा इसलिए उसके पहले मोदी सरकार कुछ बड़े बदलवों वाले विधेयकों को पारित कराने की तैयारी में है. साथ ही अगर समय से पूर्व लोकसभा के चुनाव होते हैं तो उसके लिए बेहद जरूरी है कि केंद्र सरकार अपने कुछ अंतिम निर्णयों को अंतिम रूप दे दे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पहले ही आशंका जाहिर कर चुके हैं कि देश में समय से पूर्व लोकसभा का चुनाव हो सकता है. ऐसे में संभव है कि लोकसभा चुनाव के साथ ही वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर कोई बड़ा निर्णय लिया जाए।

Author: janhitvoice

