आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। इस मामले में CBI ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है और इंवेस्टिगेशन में तेजी भी ला दी है।
दरअसल, CBI की रडार पर अब लालू प्रसाद की फैमिली के साथ-साथ वे लोग भी आ गये हैं, जिन्होंने लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते वक्त जमीन देकर रेलवे की सरकारी नौकरी ली। इस मामले में पूर्व-मध्य रेलवे के तहत दानापुर डिवीजन में काम करने वाले 6 कर्मचारियों को पूछताछ और जांच के लिए दिल्ली तलब किया गया है।
इन कर्मचारियों की नौकरी ग्रुप ‘डी’ के तहत है। इनमें तीन कर्मचारी पटना जंक्शन, एक बिहटा, एक आरा और एक झाझा स्टेशन पर पोस्टेड हैं। दानापुर के डिवीजनल पर्सनल ऑफिसर यानी DPO की तरफ से इस संबंध में 11 अगस्त को एक पत्र भी जारी किया गया है, जिसे इन कर्मचारियों के डिपार्टमेंट हेड को भेजा गया है।
सभी छह लोगों को अलग-अलग तारीख पर अलग-अलग बुलाया गया है। अजय कुमार राय की पोस्टिंग पटना जंक्शन पर हैं। उन्हें 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया गया है तो बिहटा स्टेशन पर कार्यरत अमित कुमार को 16 अगस्तक, आरा स्टेशन पर कार्यरत अमित कुमार राय और पटना जंक्शन पर पोस्टेड अशोक कुमार राय को 17 अगस्त, पटना जंक्शन पर पोस्टेड हरिनाथ राय को 19 अगस्त और झाझा स्टेशन पर पोस्टेड सुमन कुमार को 30 अगस्त के दिन पूठताछ के लिए CBI ने दिल्ली बुलाया है।
DPO की तरफ से जारी लेटर के अनुसार CBI की टीम अपनी जांच और पूछताछ के दौरान इन रेल कर्मचारियों के ओरिजनल पेपर की भी जांच करेगी। इसमें आईडी प्रमाण, एजुकेशनल पेपर, पैन कार्ड और सरकारी प्रमाण पत्र शामिल हैं। इन सब को लेकर तय किए गए तारीख की सुबह 9:30 बजे जांच में शामिल होने के लिए दिया गया है।
गौरतलब है कि रेलवे में इन सभी 6 रेल कर्मियों को 2004 से 2009 के बीच नौकरी मिली थी। इसी दौरान लालू प्रसाद रेल मंत्री थे। रेलवे कर्मचारियों से इस मामले में CBI की आर्थिक अपराध विंग की टीम पूछताछ करेगी। इन्हें आर्थिक अपराध के DIG के पास बुलाया गया है।

Author: janhitvoice

