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महिला आरक्षण बिल को कैबिनेट ने दी मंजूरी, 33 फीसदी आरक्षण का रास्ता साफ

करीब 27 सालों से लंबित मामले को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन तमाम कयासों को दरकिनार करते हुए मोदी सरकार ने कैबिनेट से मंजूरी दे दी गई है. माना जा रहा है कि मोदी सरकार ने चुनाव को लेकर मास्टर स्ट्रोक खेला है.

करीब27सालों से लंबित महिला आरक्षण विधेयक अब संसद के पटल पर आएगा. आंकड़ों के मुताबिक,लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या15फीसदी से कम है,जबकि राज्य विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व10फीसदी से भी कम है. इस मुद्दे पर आखिरी बार कदम2010में उठाया गया था,जब राज्यसभा ने हंगामे के बीच बिल पास कर दिया था और मार्शलों ने कुछ सांसदों को बाहर कर दिया था,जिन्होंने महिलाओं को33फीसदी आरक्षण का विरोध किया था. हालांकि यह विधेयक रद्द हो गया क्योंकि लोकसभा से पारित नहीं हो सका था.

बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने हमेशा इसका समर्थन किया. हालांकि कुछ अन्य दलों ने महिला कोटा के भीतर ओबीसी आरक्षण की कुछ मांगों को लेकर इसका विरोध किया. अब एक बार फिर कई दलों ने इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक लाने और पारित करने की जोरदार वकालत की,लेकिन सरकार की ओर से कहा गया है कि उचित समय पर उचित निर्णय लिया जाएगा.

Author: janhitvoice

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