जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने CM नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि आपको क्या लगता है नीतीश कुमार अटल जी को श्रद्धांजलि देने गए थे? अगर श्रद्धांजलि देने ही गए थे तो पिछले साल क्यों तो पिछले साल क्यों नहीं गए थे?
पिछले 8 बरस में नहीं गए, यहां तक कि जब भाजपा के साथ थे तब नहीं जाते थे। नीतीश कुमार का अपना राजनीति करने का तरीका है। एक दरवाजे को खोलते हैं और पीछे से खिड़की और रोशनदान दोनों को खोलकर रखते हैं। किसकी कब जरूरत पड़ जाए, इसके अनुसार अपना रास्ता खोले हुए हैं।
समस्तीपुर शहर में पत्रकार वार्ता के दौरान प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि I.N.D.I.A. उनके लिए दरवाजा है और खिड़की राज्यसभा सदस्य हरिवंश नारायण हैं, जिनके माध्यम से उनका भाजपा के साथ संपर्क बना हुआ है। ये मैसेजिंग है जैसे हम कमरे में रोशनी आने के लिए जगह छोड़ देते हैं। ये सब तो बीजेपी और NDA वालों को मैसेज दे रहे हैं कि आपके जो बड़े श्रद्धेय थे उनकी हम इतनी श्रद्धा करते हैं।
नीतीश कुमार से कोई पूछे कि पिछले साल क्यों नहीं गए थे? ये उनका NDA वालों के ऊपर दबाव बनाने का तरीका है कि अगर हमको आप लोग भाव नहीं दीजिएगा तो हम उधर भी जा सकते हैं। बिहार में नीतीश कुमार की राजनीति कौन नहीं जानता है।