नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मुजफ्फरपुर, बेगूसराय,पुर्णिया, कटिहार एवं दरभंगा जिलों का 6 दिवसीय दौरा के समापन के बाद कहा है कि सरकार द्वारा तुष्टीकरण की राजनीति के कारण बिहार जल रहा है।
सिन्हा ने कहा कि मुजफरपुर में जमीन कारोबारी की सरेआम हत्या, बेगूसराय में महिला को निर्वस्त्र करना,पुर्णिया एवं कटिहार में भाजपा कार्यकत्ताओं की हत्या, दरभंगा में मंदिर के सामने मुहर्रम का झंडा लगाकर विवाद एवं बहुसंख्यक संप्रदाय के महिला एवं पुरूषों को बिना दोष पुलिस द्वारा प्रताड़ित किया जाना यह दर्शाता है कि राज्य में कानून का शासन खत्म हो चुका है।
लोगों को न्याय मिलना तो दूर, उल्टे शिकायतकर्त्ता को ही केस में नाम देकर फँसा दिया जाता है। इस निराशाजनक स्थिति के लिए राज्य के मुखिया जिम्मेदार है।
सिन्हा ने कहा कि अल्पसंख्यकों के धार्मिक आयोजन में पुलिस द्वारा पूरी छूट दी जाती है। उनके आयोजन की सुरक्षा और देखभाल के लिए पुलिस बलों की छुट्टी रद्द कर डयुटी में लगा दिया जाता है। लेकिन पिछले रामनवमी के दौरान बिहार शरीफ और सासाराम में प्रशासन द्वारा जो वर्ताव किया गया वह राज्य की जनता को पता है।
सिन्हा ने कहा कि राज्य में प्रशासनिक अराजकता चरम पर है। पदाधिकारियों के द्वारा कर्त्तव्य समझ कर कोई कार्य नहीं किया जाता है। वे मुँह देखकर काम करते हैं। लेन देन के बिना प्रखण्ड स्तर से पटना मुख्यालय स्तर तक कोई काम नहीं होता है। इस परिस्थिति से राज्य की जनता को उबारने वाला कोई नहीं है।प्रशासन कठपुतली की तरह काम कर रही है।
सिन्हा ने कहा कि लाठी गोली की महागठबंधन की सरकार रोज कीर्तिमान स्थापित कर रही है। प्रशासनिक पद पर बैठे आलाधिकारियों ने राज्य में किसी भी प्रकार का शांतिपूर्ण प्रदर्शन, धरना एवं विरोध जुलूस पर लाठी एवं गोली से ही डील करने का सिद्धांत बना लिया है। इनमें धैर्य की भारी कमी हो गयी है और इनका प्रशिक्षण आवश्यक है।इनके इन कारनामों की उच्च स्तरीय जाँच की आबश्यकता है जिसे सरकार जल्द से जल्द शुरू कराने हेतु आदेश दे ताकि राज्य की जनता को सच्चाई का पता लग सके।
सिन्हा ने कहा कि सीमांचल के जिलों अल्पसंख्यक हिंदुओं को धर्म परिवर्तन के लिए उनपर अत्याचार किये जा रहे हैं।वहाँ से लोगों का पलायन हो रहा है।जिन कमजोर वर्ग के लोगों को वासगीत का पर्चा दिया गया है
उन्हें दखल नहीं होने दिया जा रहा है।उसपर बाहरी बंगलादेशी जबर्दस्ती कब्जा किये जा रहे है।सरकार इसकी जाँच कराये औऱ कमजोर बर्ग के इन अल्पसंख्यक हिंदुओं को जमीन का दखल कब्जा दिलाये।